भारत के मौसम उपग्रह इनसैट-3डीआर का जीएसएलवी से सफलतापूर्वक प्रमोचन होम / अभिलेखागार / भारत के मौसम उपग्रह इनसैट-3डीआर का जीएसएलवी से सफलतापूर्वक प्रमोचन
सितंबर 08, 2016 अपनी दसवीं उड़ान में (जीएसएलवी-F05) ने आज (सितम्बर 08, 2016) को भारत के भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान, स्वदेशी क्रायोजेनिक अपर स्टेज (सीयूएस) के साथ सुसज्जित, देश के मौसम उपग्रह इनसैट-3DR, का भू-तुल्यकालिक स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में सफलतापूर्वक प्रमोचित किया । पंहुच गई कक्षा अनुमानित से बहुत ही करीब है। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, शार (एसडीएससी शार), श्रीहरिकोटा, भारत के अंतरिक्षपोर्ट के दूसरे लॉन्च पैड से इसका प्रक्षेपण किया गया । यह जीएसएलवी की CUS के साथ पहली प्रचालन उड़ान और स्वदेशी CUS को ले जाने के लिए सुसज्जित चौथी है । आज की जीएसएलवी उड़ान लगातार तीसरी जीएसएलवी द्वारा सफलता प्राप्त स्वदेशी CUS और 2211 किलो इन्सैट 3DR को ले जाने वाला भारत की धरती से प्रमोचित यह भारी उपग्रह है। अपने अंडाकार आकार जीटीओ में, इन्सैट 3DR उपग्रह अब पृथ्वी से 36,080.5 किमी अपभू (पृथ्वी से दूरस्थ बिंदु) साथ ही 169.76 किलोमीटर की उपभू(निकटतम पृथ्वी पर बिंदु) और 20.62 डिग्री के झुकाव के साथ भूमध्यरेखा में परिक्रमा कर रहा है । 29 घंटे 40 मिनट की उलटी गिनती के बाद, 415 टन, 49 मीटर लंबा जीएसएलवी-F05 इन्सैट 3DR ले जाने वाले का पुनर्निधारित समय 16:50 बजे आईएसटी पर प्रमोचन किया गया। प्रक्षेपण में 40 मिनट की देरी का कारण भूमि खंड में तरल ऑक्सीजन के दाब विमोचन वाल्व में विसंगति पाई गई थी जिसे बाद में ठीक किया गया था। उलटी गिनती के शून्य से पहले 4.8 सेंकड पर, जीएसएलवी-F05 के तरल प्रणोदक के चार स्ट्रप ऑन चरण, प्रत्येक में 42 टन तरल प्रणोदक होता है, प्रज्वलित कर दिए गए थे । गिनती शून्य पर और सामान्य प्रदर्शन की पुष्टि के बाद सभी चार स्ट्रैप-ऑन मोटर, 139 टन के ठोस प्रणोदक पहले चरण कोर मोटर को प्रज्वलित किया गया और जीएसएलवी को प्रमोचन किया गया। उड़ान के प्रमुख चरणों में प्रज्वलित कोर मोटर, प्रज्वलित स्ट्रैप-ऑन, दूसरे चरण के प्रज्वलन, स्ट्रैप-ऑन के साथ मुख्य मोटर का पृथकरण, पेलोड फेअरिंग पृथकरण, दूसरे चरण का पृथकरण, सीयूएस प्रज्वलन और संतोषजनक प्रदर्शन के बाद उसका समय पर बंद होना, शामिल है। प्रमोचन के सत्रह मिनट के बाद, इन्सैट 3DR सफलतापूर्वक जीटीओ में रखा गया था। जीटीओ में अपनी अंतक्षेपण के बाद, इन्सैट 3DR के सौर व्यूह स्वचालित रूप से प्रस्तरित हो गए थे और कर्नाटक में हासन स्थित मुख्य नियंत्रण सुविधा(एमसीएफ) ने उपग्रह को नियंत्रण ले लिया। अपने पूर्ववर्ती इन्सैट -3 डी जोकि 2013 के बाद से कक्षा से सेवा प्रदान कर रहा है के समान, इन्सैट 3DR एक उन्नत मौसम (मौसम अवलोकन) उपग्रह भारत द्वारा बनाया गया, जो विभिन्न किस्म के आवश्यक सटीक मौसम की भविष्यवाणी प्रदान करता है। इस के लिए, यह तीन पेलोड (उपकरण), अर्थात्, एक बहुस्पेक्ट्रमी प्रतिबिंबक, गहराईमापी और मौसम डेटा रिले ट्रांसपोंडर से लैस है। इन्सैट-3DR में भी उपग्रह आधारित खोज और बचाव ट्रांसपोंडर है जोकि समुद्री, विमानन और भूमि आधारित उपयोगकर्ताओं के संकट बीकन से आने वाले चेतावनी संकेतों को ग्हण करता है और रिले करता है। आने वाले दिनों में, इन्सैट 3DR की कक्षा चरणों में उपग्रह के द्रव अपभू मोटर (एलएएम) के प्रज्वलन से इसे अंतिम चरण भूस्थिर कक्षा (जीएसओ) के लिए अपने वर्तमान जीटीओ से उठाया जाएगा। उपग्रह जीएसओ में 74 डिग्री पूर्वी देशांतर के उसके नामित कक्षीय स्लॉट में कक्षा ऊपर उठाने के संचालन के पूरा होने और उपग्रह को स्थित करने के बाद कक्षा में इसकी पेलोड का परीक्षण किया जाएगा। जीएसएलवी की आज की उड़ान ने आगे अत्यधिक जटिल क्रायोजेनिक रॉकेट प्रणोदन प्रौद्योगिकी माहिरी में इसरो की सफलता पर प्रकाश डाला है।